शनिवार, 2 जनवरी 2010

फराक मिथिला राज्यक गठन कियक नहि ?



जखन पृथक तेलंगाना राज्यक गठन भ सकैत अछि त फराक मिथिला राज्यक गठन कियक नहि? मिथिलांचल के पूर्ण न्याय एखन धरि कोनो उद्योग एही क्षेत्र में प्रारंभ नहि कायल गेल अछि | सभ क्षेत्र में मिथिलांचल केर घोर उपेक्षा भ रहल अछि | केंद्र सरकार ओ बिहार सरकार एखन धरि कोनो उद्योग एही क्षेत्र में प्रारंभ नहि कायल गेल अछि, जाहिसँ एही क्षेत्रक लोक पलायन लेल मजबूर अछि | असमान विकासक करने दशक पिछरल राज्य बिहार में मिथिला अति पिछरा क्षेत्र बनि क रही गेल अछि | बिहार सरकार केर ध्यान मात्र पटना आ नालंदा के विकसित केनाई रहि गेल अछि | मिथिला मे पर्यटन ओ खाद्य प्रसंस्करण केर भरपूर संभावना केर बाबजूदो मिथिलाक संग नकारात्मक रवैया अपनओल जा रहल अछि| एही क्षेत्रक भाषा मैथिली आ मैथिली अकादेमी अपन अस्तित्व हेतु संघर्ष क रहल अछि | बिहार सरकार केर युवा महोत्सव आ दिल्ली केर प्रगति मैदान स्थित बिहार पवेलियन मे आईआईटीएफ केर दौरान आहूत सांस्कृतिक कार्यक्रम मे मैथिली केर घोर उपेक्षा कयल गेल | जाहिसँ सरकार केर नीति ओ नीयत मिथिलावासी लोकनि कें समझ मे आबी गेल अछि | एहि सभ समस्याक निदान केर एकमात्र विकल्प फराक मिथिला राज्य अछि | बिहार सरकार प्रवासी बिहारी लोकनि केर सुरक्षा , रोजगार आ न्याय दिलयबमे पूर्ण तरहे विफल रहल अछि आ एकर आ एकर ज्यादातर शिकार मिथिलाक लोक सभ रहल अछि | महाराष्ट्र , दिल्ली आ पंजाब केर बाद मध्यप्रदेशक राजनेता लोकनि सेहो बिहारी लोकनिक संग असंवैधानिक रूख अप्नौलानी आ बिहार सरकार मात्र बयां डी क अपन कर्त्तव्य केर इतिश्री क लेलनी | बिहार सरकार केर योजना विभाग , केद्र सरकार केर योजना विभाग मे बिहार टास्क फ़ोर्स आ बिहार फौन्डेसन केर बाबजूद मिथिला क बिहार मे पर्याप्त तवज्जो कियक नहि भेटल? आधारभूत संरचनाक विस्तारक बिना मिथिला कटल कटल जका अछि | पूर्व लोक सभा अध्यक्ष पी . ए .संगमा केर ओ बयान स्वागत योग्य अछि जाहिमे ओ कहने छलाह जे " क्षेत्रवाद - नक्सलवाद असमानता केर उपज अछि जाहिसँ छोट राज्य केर गठन क दूर कयल जा सकैत अछि " मिथिलाक लोकनि बाढ़ झेलय आ विकासक धारा अन्य क्षेत्र मे बहे ई नहि चालत आई भारत केर समस्त मिथिला वासी लोकनि के एकरा लेल आन्दोलन करय परत फराक मिथिला राज्य लेल अंतर राष्ट्रीय मथिली परिषद् द्वारा कानपूर मे २३ - २४ दिसंबर के मिथिलाक बुद्धिजीवी, स्वैक्षिक संगठन केर सम्मलेन भेल जाही मे आंदोलनक दशा दिशा तय कयल गेल|एहि वास्ते दिल्ली केर जंतर मंतर पर सेहो धरना देल गेल जाकर पूर्ण समर्थन भेटल|
-गोपाल प्रसाद
gopal.eshakti@gmail.com
mob: 9289723145

प्रबोध सम्मान २०१० जीवकान्तकेँ भेटलन्हि

एहि बेरुका पुरस्कार चयन प्रक्रियामे २१ गोटेक शुरुआती दौड़मे छलाह। पहिल बेरमे ७ गोटे बहार भेलाह (लेबल १), दोसर बेर आठ गोटे बहार भेलाह (लेबल २), तेसर दौड़मे मात्र छह गोटे बचलाह (लेबल ३)। ओहि छह गोटेक क्रम एहि प्रकारसँ रहल:-
जीवकान्त: ४८ अंक
सोमदेव: २२ अंक
भीमनाथ झा: १७ अंक
रमानन्द रेणु: १७ अंक
चन्द्रभानु सिंह: १२ अंक
चन्द्रनाथ मिश्र अमर: १२ अंक

जज एहि प्रकारेँ रहथि:
एल-१- १०/१०
एल.२- ९/१०
एल.३- १०/१०

सभ मिला कऽ २९/३० जज जाहिमे २६ गोट जज रिपीट नहि छलाह, माने २६ विभिन्न गोटे जज छलाह।

सभटा वोट एहि तरहेँ रहल:

३०*३=९० आ ३०*२=६० आ ३०*१=३० = १८०

वोट छह टा कम माने १७४ टा देल गेल, जाहिमे छह गोटे जे ऊपरमे रहलथि हुनका एहि मे सँ १३१ टा वोट भेटलन्हि।
जीवकान्तकेँ १७४ मे ४८ वोट भेटलन्हि-२७.५९% ( संगहि १३१ मे सँ ४८ भेल- ३६.६४%)

अंतिम लेबलमे दसमे सँ आठटा जज हुनका पहिल वोट देलन्हि।

जीवकान्तजीकेँ बधाई।

जीवकान्त- (१९३६- )
पूर्ण नाम- जीवकान्त झा
पिता-गुणानन्द झा, माता-महेश्वरी देवी, जन्म तिथि-२५.०७.१९३६ स्थान अभुआढ़, जिला-सुपौल
शिक्षा-मैट्रिक (१९५५ उ.वि.डेवढ़), आइ.एस.सी. (१९५७ आर.के.कॉलेज, मधुबनी), बी.ए. (१९६४ बिहार वि.वि.स्वतंत्र छात्र), डिप.इन.एड.(१९६९ मिथिला वि.वि.)
नौकरी-उच्च विद्यालयमे सहायक शिक्षक। विज्ञान शिक्षक (उ.वि.खजौली १९५७-८१), हिन्दी शिक्षक (उ.वि.डेओढ़ एवं उ.वि.पोखराम १९८१-९८)
पहिल रचना-इजोड़िया आ टिटही (कविता, जनवरी १९६५ मिथिला मिहिर)
पहिल छपल पोथी- दू कुहेसक बाट (उपन्यास १९६८)
नवीनतम पोथी-खिखिरक बीअरि (२००७ बाल पद्य कथा), अठन्नी खसलइ वनमे (पद्य-कथा संग्रह) आ पंजरि प्रेम प्रकासिया (जीवन-वृत्तक अंश) प्रेसमे
पुरस्कार-साहित्य अकादेमी (दिल्ली १९९८), किरण सम्मान (१९९८), वैदेही सम्मान (१९८५)
प्रकाशित पोथी-
कविता संग्रह:
नाचू हे पृथ्वी (७१), धार नहि होइछ मुक्त (९१), तकैत अछि चिड़ै (९५), खाँड़ो (१९९६), पानिमे जोगने अछि बस्ती (९८), फुनगी नीलाकाशमे (२०००), गाछ झूल-झूल (२००४), छाह सोहाओन (२००६), खिखिरिक बीअरि (२००७)
कथा-संग्रह:
एकसरि ठाढ़ि कदम तर रे (७२), सूर्य गलि रहल अछि (७५), वस्तु (८३), करमी झील (९८)
उपन्यास:
दू कुहेसक बाट(६८), पनिपत(७७), नहि, कतहु नहि (७६), पीयर गुलाब छल (७१), अगिनबान (८१)
हिन्दी अनुवाद- निशान्त की चिड़िया (हिन्दी अनुवाद-तकैत अछि चिड़ै, साहित्य अकादमी, दिल्ली २००३)



प्रबोध सम्मान

प्रबोध सम्मान 2004- श्रीमति लिली रे (1933- )
प्रबोध सम्मान 2005- श्री महेन्द्र मलंगिया (1946- )
प्रबोध सम्मान 2006- श्री गोविन्द झा (1923- )
प्रबोध सम्मान 2007- श्री मायानन्द मिश्र (1934- )
प्रबोध सम्मान 2008- श्री मोहन भारद्वाज (1943- )
प्रबोध सम्मान 2009- श्री राजमोहन झा (1934- )
प्रबोध सम्मान 2010- श्री जीवकान्त (1934- )


साहित्य अकादेमी पुरस्कार- मैथिली

१९६६- यशोधर झा (मिथिला वैभव, दर्शन)
१९६८- यात्री (पत्रहीन नग्न गाछ, पद्य)
१९६९- उपेन्द्रनाथ झा “व्यास” (दू पत्र, उपन्यास)
१९७०- काशीकान्त मिश्र “मधुप” (राधा विरह, महाकाव्य)
१९७१- सुरेन्द्र झा “सुमन” (पयस्विनी, पद्य)
१९७३- ब्रजकिशोर वर्मा “मणिपद्म” (नैका बनिजारा, उपन्यास)
१९७५- गिरीन्द्र मोहन मिश्र (किछु देखल किछु सुनल, संस्मरण)
१९७६- वैद्यनाथ मल्लिक “विधु” (सीतायन, महाकाव्य)
१९७७- राजेश्वर झा (अवहट्ठ: उद्भव ओ विकास, समालोचना)
१९७८- उपेन्द्र ठाकुर “मोहन” (बाजि उठल मुरली, पद्य)
१९७९- तन्त्रनाथ झा (कृष्ण चरित, महाकाव्य)
१९८०- सुधांशु शेखर चौधरी (ई बतहा संसार, उपन्यास)
१९८१- मार्कण्डेय प्रवासी (अगस्त्यायिनी, महाकाव्य)
१९८२- लिली रे (मरीचिका, उपन्यास)
१९८३- चन्द्रनाथ मिश्र “अमर” (मैथिली पत्रकारिताक इतिहास)
१९८४- आरसी प्रसाद सिंह (सूर्यमुखी, पद्य)
१९८५- हरिमोहन झा (जीवन यात्रा, आत्मकथा)
१९८६- सुभद्र झा (नातिक पत्रक उत्तर, निबन्ध)
१९८७- उमानाथ झा (अतीत, कथा)
१९८८- मायानन्द मिश्र (मंत्रपुत्र, उपन्यास)
१९८९- काञ्चीनाथ झा “किरण” (पराशर, महाकाव्य)
१९९०- प्रभास कुमार चौधरी (प्रभासक कथा, कथा)
१९९१- रामदेव झा (पसिझैत पाथर, एकांकी)
१९९२- भीमनाथ झा (विविधा, निबन्ध)
१९९३- गोविन्द झा (सामाक पौती, कथा)
१९९४- गंगेश गुंजन (उचितवक्ता, कथा)
१९९५- जयमन्त मिश्र (कविता कुसुमांजलि, पद्य)
१९९६- राजमोहन झा (आइ काल्हि परसू)
१९९७- कीर्ति नारायण मिश्र (ध्वस्त होइत शान्तिस्तूप, पद्य)
१९९८- जीवकान्त (तकै अछि चिड़ै, पद्य)
१९९९- साकेतानन्द (गणनायक, कथा)
२०००- रमानन्द रेणु (कतेक रास बात, पद्य)
२००१- बबुआजी झा “अज्ञात” (प्रतिज्ञा पाण्डव, महाकाव्य)
२००२- सोमदेव (सहस्रमुखी चौक पर, पद्य)
२००३- नीरजा रेणु (ऋतम्भरा, कथा)
२००४- चन्द्रभानु सिंह (शकुन्तला, महाकाव्य)
२००५- विवेकानन्द ठाकुर (चानन घन गछिया, पद्य)
२००६- विभूति आनन्द (काठ, कथा)
२००७- प्रदीप बिहारी (सरोकार, कथा
२००८- मत्रेश्वर झा (कतेक डारि पर, आत्मकथा)
२००९- स्व.मनमोहन झा (गंगापुत्र, कथासंग्रह)

साहित्य अकादेमी मैथिली अनुवाद पुरस्कार

१९९२- शैलेन्द्र मोहन झा (शरतचन्द्र व्यक्ति आ कलाकार-सुबोधचन्द्र सेन, अंग्रेजी)
१९९३- गोविन्द झा (नेपाली साहित्यक इतिहास- कुमार प्रधान, अंग्रेजी)
१९९४- रामदेव झा (सगाइ- राजिन्दर सिंह बेदी, उर्दू)
१९९५- सुरेन्द्र झा “सुमन” (रवीन्द्र नाटकावली- रवीन्द्रनाथ टैगोर, बांग्ला)
१९९६- फजलुर रहमान हासमी (अबुलकलाम आजाद- अब्दुलकवी देसनवी, उर्दू)
१९९७- नवीन चौधरी (माटि मंगल- शिवराम कारंत, कन्नड़)
१९९८- चन्द्रनाथ मिश्र “अमर” (परशुरामक बीछल बेरायल कथा- राजशेखर बसु, बांग्ला)
१९९९- मुरारी मधुसूदन ठाकुर (आरोग्य निकेतन- ताराशंकर बंदोपाध्याय, बांग्ला)
२०००- डॉ. अमरेश पाठक, (तमस- भीष्म साहनी, हिन्दी)
२००१- सुरेश्वर झा (अन्तरिक्षमे विस्फोट- जयन्त विष्णु नार्लीकर, मराठी)
२००२- डॉ. प्रबोध नारायण सिंह (पतझड़क स्वर- कुर्तुल ऐन हैदर, उर्दू)
२००३- उपेन्द दोषी (कथा कहिनी- मनोज दास, उड़िया)
२००४- डॉ. प्रफुल्ल कुमार सिंह “मौन” (प्रेमचन्द की कहानी-प्रेमचन्द, हिन्दी)
२००५- डॉ. योगानन्द झा (बिहारक लोककथा- पी.सी.राय चौधरी, अंग्रेजी)
२००६- राजनन्द झा (कालबेला- समरेश मजुमदार, बांग्ला)
२००७- अनन्त बिहारी लाल दास “इन्दु” (युद्ध आ योद्धा-अगम सिंह गिरि, नेपाली)
२००८- ताराकान्त झा (संरचनावाद उत्तर-संरचनावाद एवं प्राच्य काव्यशास्त्र-गोपीचन्द नारंग, उर्दू)




यात्री-चेतना पुरस्कार


२००० ई.- पं.सुरेन्द्र झा “सुमन”, दरभंगा;
२००१ ई. - श्री सोमदेव, दरभंगा;
२००२ ई.- श्री महेन्द्र मलंगिया, मलंगिया;
२००३ ई.- श्री हंसराज, दरभंगा;
२००४ ई.- डॉ. श्रीमती शेफालिका वर्मा, पटना;
२००५ ई.-श्री उदय चन्द्र झा “विनोद”, रहिका, मधुबनी;
२००६ ई.-श्री गोपालजी झा गोपेश, मेंहथ, मधुबनी;
२००७ ई.-श्री आनन्द मोहन झा, भारद्वाज, नवानी, मधुबनी;
२००८ ई.-श्री मंत्रेश्वर झा, लालगंज,मधुबनी
२००९ ई.-श्री प्रेमशंकर सिंह, जोगियारा, दरभंगा


कीर्तिनारायण मिश्र साहित्य सम्मान


२००८ ई. - श्री हरेकृष्ण झाकेँ कविता संग्रह “एना त नहि जे”
२००९ ई.-श्री उदय नारायण सिंह “नचिकेता”केँ नाटक नो एण्ट्री: मा प्रविश